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एक सुरमई शाम लिख दूँ

#लेखनी दैनिक काव्य प्रतियोगिता


पहली नजर के प्यार का पैगाम लिख दूँ
जानता नहीं तुझे पर कैसे अनजान लिख दूँ
नाम तक ए दिलबर तेरा जानता नहीं
हो इजाज़त तो तुझे एक सुरमई शाम लिख दूँ

शीतल हवा का झोंका, या रिमझिम तू बरसात
पंछी का कलरव बनकर तू, छेड़े प्रीत के साज
सूर्य की चंचल किरणें, या रोशन चाँद लिख दूँ
हो इजाज़त तो तुझे एक सुरमई शाम लिख दूँ

नज़रें तुझसे मिली जबसे, मन तेरा हो गया
आँखों में न आई नींद, और सवेरा हो गया
तेरी मस्त निगाहों को छलकता जाम लिख दूँ
हो इजाज़त तो तुझे एक सुरमई शाम लिख दूँ

मेहंदी बस मेरे नाम की रचेगी तेरे हाथों में
तू जब सँवरना चाहे तो देखे मेरी आँखों में
तेरे ही साथ में गुजरे, ये उम्र तमाम लिख दूँ
हो इजाज़त तो तुझे एक सुरमई शाम लिख दूँ


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8 Comments

Arman

02-Mar-2022 05:32 PM

nice

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Punam verma

23-Feb-2022 09:22 AM

Nice one

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Swati chourasia

23-Feb-2022 09:22 AM

Very beautiful 👌

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